चाय है आपकी दुश्मन जाने इससे होने वाले नुकसान
दुनिया भर में कंही भी चल जाओ और कोई चीज मिले या ना मिले लेकिन चाय जरूर मिल जाएगी जिस चीज को भारत ने कभी चखा भी वो चीज आज हर घर का हिस्सा और दिन की शुरुआत बन गयी है
चाय में पाए जाने वाले कैफीन हमारे नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर हमारी थकान को डोर करती है और हमे ताजगी देती है जो केवल थोड़े समय तक असर करती है जैसे इंसान का एनर्जी लेवल थोड़ा कम होने लगता है वो फिर एक कफ चाय ले लेता है और ऐसे करते करते न जाने कितने कफ चाय पी लेता है और धीरे धीरे हाल ये हो जाता है कि वो चाय के बिना वो काम ही नहीं कर पाता है उसका दिमाग ही नहीं चलता है \
अब नशा चाहे चाय का हो या शराब का नशा तो नशा ही है
चाय पीना ठीक है या नहीं ये तो एक अलग विषय है लेकिन कोई कहता है चाय पीना ठीक है लेकिन कोई कहता है चाय पीना ठीक नहीं है
लेकिन ये बात तो पक्की है कि एक या दो कफ से सधिक नहीं पिणि चाहिए जो लोग अधिक चाय पीते है उनके लिए ये जानना जरुरी है कि चाय से हमारे शरीर को क्या क्या नुकसान होते है आइये चाय से होने वाले नुक़्सानो को जानते है
चाय पिने से होने वाले नुकसान -
आयुर्वेद के अनुसार हम भारतियों के लिए चाय बनी ही नहीं क्योंकि यहाँ पर तो अधिकतर मौसम गर्म ही रहता है और चाय हमारे अंदर गर्मी को और बढ़ा देती है हमारे जैसे गर्म देशो में रहने वाले लोगो के पेट में एसिड कि मात्रा काफी अधिक होती है जो कि चाय पिने से और अधिक बढ़ जाती है
चाय पिने से खून में एसिड कि मात्रा बढ़ जाती है हमारी बॉडी के ऑर्गेन को नुकसान होता है
तो सबसे पहले रोग है कि शरीर में अल्कलाइन और एसिड का बेलेंश बिगड़ जाना
ये हमारे पाचन तंत्र को बहुत ही धीमा कर देती है अगर खाना ही हजम न हो तो पेट में गैस , जलन , और भारीपन से पूरा दिन खराब हो जाता है
चाय भोजन से मिलने वाले विटामिन और मिनरल्स को शरीर में पूरी तरह नहीं आने देते है जिससे शरीर कमजोर और थका थका सा रहता है
चाय पिने से हड्डिया कमजोर होती है जिस कारण जोड़ो का दर्द घुटनो का दर्द और कंधे दर्द होने जैसे रोग लोगो को परेशान कर देते है \
चाय हमारे दिल पर भी बुरा असर सालती है ये हार्ट हटेक और उच्च रक्त चाप जैसी बिमारियों को बढ़ावा देती है
बहुत अधिक चाय पिने से भूख मर जाती है आपने देखा और सुना होगा कि लोग वजन घटाने के लिए चाय का सहारा लेते है ताकि भूख न लगे और परिणाम ये होता है एसिडिटी और गैस से हालत और भी ख़राब हो जाती है
चाय का अधिक सेवन हमारी नींद में बढ़ा डालता है हम अपना का पूरा करने के लिए बार बार चाय पीते है ताकि हमे नींद ना आये जबकि ऐसा करने से धीरे धीरे मानसिक रोग बढ़ने लगते है और नींद ना आने कि बीमारी सताने लगती है डिप्रेसन और चिड़चिड़ापन हम पे हावी हो जाता है
चाय पिने से हमारी याद शक्ति कम होती है
चाय में ऑक्सलेट कंटेंट काफी होता है इससे किडनी में पत्थरी का रोग बढ़ने लगता हैं
चाय पिने से उरिनेशन कि अर्ज भी बढ़ जाते है जिससे ब्लैडर पर दबाव पड़ता है और किडनी ख़राब होने कि समस्या हो जाती बाई
अधिक चाय पिने से हमारी बॉडी डी हाइड्रेड हो जाती है यानि कि शरीर में पानी कि कमी हो जाती है
जिन लोगो में खून कि कमी होती है जो कि अधिकतर लोगो में होती ही है ज्यादातर महिलाये इन्हे तो चाय से दूर ही रहना चाहिए क्यंकि चाय हमरे शरीर में आयरन को अब्जॉर्ब नहीं होने देती है
चाय को छोड़ना कोई मुश्किल काम नहीं है ये केवल हमारी मानसिकता है कि हम चाय नहीं छोड़ सकते है अगर आप ऐसा सोचोगे कि चाय नहीं छोड़ी जा सकती है तो आप कभी भी चाय नहीं छोड़ पाओगे लेकिन अगर इससे छोड़ने कि ठान लोगे तो ये बिलकुल भी मुश्किल नहीं है
अगर आपकी मानसिकता ऐसी है कि आप चाय छोड़ना ही नहीं चाहते है तो ऐसे में आप कुछ बातों का ध्यान जरूर रखे जिससे आपको चाय पिने के कम से कम नुकसान हो
अपनी चाय को एक या दो कफ तक ही सिमित कर दे
चाय पती को पानी में उबाले नहीं जब पानी को एक उबाल आ जाये गैस बंद कर के उसके अंदर पती डालकर ५ मिंट तक ढककर रख दे और सही तरीका तो ये है कि आप दूध को अलग से गमर करे और कफ में डेल और फिर पती वाला पानी कफ में डेल अगर ऐसा नहीं कर पते है तो फिर पानी और दूध को अलग से उबाल ले और लास्ट में उसमे पती डाल कर के ढक ले और गैस बंद कर ले
रिसर्च के मुताबिक चाय में दूध डालने से चाय में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट जो हमारे स्वस्थ के लिए बढ़िया होते है वो नष्ट हो जाते है यानि कि जो थोड़ा बहुत चाय का फायदा मिलना था और वो भी नहीं मिलता
बहुत गर्म चाय कभी नहीं पिए इससे मुँह और गले का केसर का खतरा रहता है हमेशा इससे थोड़ा ठंडा कर के पिए
चाय बनाने के लिए ताजे बर्तन का इस्तेमाल करे यानि जिस बर्तन में पहले चाय बन चुकी है उसमे दोबारा चाय ना बनाये ऐसा करने से चाय में विषैले तत्व आ जाते है
सड़क के किनारे या रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन पर बिकने वाली चाय को हमेशा दूर रहे क्योकि वो बर्तन को धोये बिना ही उसी बर्तन में चाय बनाते रहते है और चाय पती को भी खूब उबलते है जिसके कारण ऐसी चाय कुछ लोगो को बहुत ही अच्छी लगती है और ऐसी चाय को कड़क चाय कहते है लेकिन विषैली जाने कारण दिल और जान कि दुश्मन होती है
अगर आप एक छोटा कफ चाय पीते है तो उससे संतुलित करने के लिए आप एक ग्लास पानी जरूर पिए ताकि आपको डी हाइड्रेशन न हो
खाने के साथ या एक दम बाद चाय बिलकुल न पिए ये जो हमारा ख्याल है न कि खाने के बाद चाय पिने से खाना आराम से हजम हो जाता है इ बिलकुल गलत है बल्कि ये खाने को हजम करने में बाधा डालती है और कैफीन भोजन से मिलने वाले गुणों को नष्ट कर देता है और हमे कमजोर कर देता है
कितना भी भरी खाना खाया हो उसके ससधे घंटे बाद एक ग्लास गर्मी पानी पी लो खाना हजम हो जायेगा
जब भी चाय कि तलब हो गर्म पानी पी लो चाय कि तलब भी नहीं होगी और शरीर में छोटे छोटे रोग होंगे वो भी धीरे धीरे खत्म होने लगेंगे
दूध और चीनी जितना हो सके कम ही रखे अधिक दूध और चीनी डालने से चाय बहुत भरी हो जाती है जो आपके वजन को भी बढाती है
और हमारा यही कहना है कि हो सके तो चाय को छोड़ दो
दुनिया भर में कंही भी चल जाओ और कोई चीज मिले या ना मिले लेकिन चाय जरूर मिल जाएगी जिस चीज को भारत ने कभी चखा भी वो चीज आज हर घर का हिस्सा और दिन की शुरुआत बन गयी है
चाय में पाए जाने वाले कैफीन हमारे नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर हमारी थकान को डोर करती है और हमे ताजगी देती है जो केवल थोड़े समय तक असर करती है जैसे इंसान का एनर्जी लेवल थोड़ा कम होने लगता है वो फिर एक कफ चाय ले लेता है और ऐसे करते करते न जाने कितने कफ चाय पी लेता है और धीरे धीरे हाल ये हो जाता है कि वो चाय के बिना वो काम ही नहीं कर पाता है उसका दिमाग ही नहीं चलता है \
अब नशा चाहे चाय का हो या शराब का नशा तो नशा ही है
चाय पीना ठीक है या नहीं ये तो एक अलग विषय है लेकिन कोई कहता है चाय पीना ठीक है लेकिन कोई कहता है चाय पीना ठीक नहीं है
लेकिन ये बात तो पक्की है कि एक या दो कफ से सधिक नहीं पिणि चाहिए जो लोग अधिक चाय पीते है उनके लिए ये जानना जरुरी है कि चाय से हमारे शरीर को क्या क्या नुकसान होते है आइये चाय से होने वाले नुक़्सानो को जानते है
चाय पिने से होने वाले नुकसान -
आयुर्वेद के अनुसार हम भारतियों के लिए चाय बनी ही नहीं क्योंकि यहाँ पर तो अधिकतर मौसम गर्म ही रहता है और चाय हमारे अंदर गर्मी को और बढ़ा देती है हमारे जैसे गर्म देशो में रहने वाले लोगो के पेट में एसिड कि मात्रा काफी अधिक होती है जो कि चाय पिने से और अधिक बढ़ जाती है
चाय पिने से खून में एसिड कि मात्रा बढ़ जाती है हमारी बॉडी के ऑर्गेन को नुकसान होता है
तो सबसे पहले रोग है कि शरीर में अल्कलाइन और एसिड का बेलेंश बिगड़ जाना
ये हमारे पाचन तंत्र को बहुत ही धीमा कर देती है अगर खाना ही हजम न हो तो पेट में गैस , जलन , और भारीपन से पूरा दिन खराब हो जाता है
चाय भोजन से मिलने वाले विटामिन और मिनरल्स को शरीर में पूरी तरह नहीं आने देते है जिससे शरीर कमजोर और थका थका सा रहता है
चाय पिने से हड्डिया कमजोर होती है जिस कारण जोड़ो का दर्द घुटनो का दर्द और कंधे दर्द होने जैसे रोग लोगो को परेशान कर देते है \
चाय हमारे दिल पर भी बुरा असर सालती है ये हार्ट हटेक और उच्च रक्त चाप जैसी बिमारियों को बढ़ावा देती है
बहुत अधिक चाय पिने से भूख मर जाती है आपने देखा और सुना होगा कि लोग वजन घटाने के लिए चाय का सहारा लेते है ताकि भूख न लगे और परिणाम ये होता है एसिडिटी और गैस से हालत और भी ख़राब हो जाती है
चाय का अधिक सेवन हमारी नींद में बढ़ा डालता है हम अपना का पूरा करने के लिए बार बार चाय पीते है ताकि हमे नींद ना आये जबकि ऐसा करने से धीरे धीरे मानसिक रोग बढ़ने लगते है और नींद ना आने कि बीमारी सताने लगती है डिप्रेसन और चिड़चिड़ापन हम पे हावी हो जाता है
चाय पिने से हमारी याद शक्ति कम होती है
चाय में ऑक्सलेट कंटेंट काफी होता है इससे किडनी में पत्थरी का रोग बढ़ने लगता हैं
चाय पिने से उरिनेशन कि अर्ज भी बढ़ जाते है जिससे ब्लैडर पर दबाव पड़ता है और किडनी ख़राब होने कि समस्या हो जाती बाई
अधिक चाय पिने से हमारी बॉडी डी हाइड्रेड हो जाती है यानि कि शरीर में पानी कि कमी हो जाती है
जिन लोगो में खून कि कमी होती है जो कि अधिकतर लोगो में होती ही है ज्यादातर महिलाये इन्हे तो चाय से दूर ही रहना चाहिए क्यंकि चाय हमरे शरीर में आयरन को अब्जॉर्ब नहीं होने देती है
चाय को छोड़ना कोई मुश्किल काम नहीं है ये केवल हमारी मानसिकता है कि हम चाय नहीं छोड़ सकते है अगर आप ऐसा सोचोगे कि चाय नहीं छोड़ी जा सकती है तो आप कभी भी चाय नहीं छोड़ पाओगे लेकिन अगर इससे छोड़ने कि ठान लोगे तो ये बिलकुल भी मुश्किल नहीं है
अगर आपकी मानसिकता ऐसी है कि आप चाय छोड़ना ही नहीं चाहते है तो ऐसे में आप कुछ बातों का ध्यान जरूर रखे जिससे आपको चाय पिने के कम से कम नुकसान हो
अपनी चाय को एक या दो कफ तक ही सिमित कर दे
चाय पती को पानी में उबाले नहीं जब पानी को एक उबाल आ जाये गैस बंद कर के उसके अंदर पती डालकर ५ मिंट तक ढककर रख दे और सही तरीका तो ये है कि आप दूध को अलग से गमर करे और कफ में डेल और फिर पती वाला पानी कफ में डेल अगर ऐसा नहीं कर पते है तो फिर पानी और दूध को अलग से उबाल ले और लास्ट में उसमे पती डाल कर के ढक ले और गैस बंद कर ले
रिसर्च के मुताबिक चाय में दूध डालने से चाय में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट जो हमारे स्वस्थ के लिए बढ़िया होते है वो नष्ट हो जाते है यानि कि जो थोड़ा बहुत चाय का फायदा मिलना था और वो भी नहीं मिलता
बहुत गर्म चाय कभी नहीं पिए इससे मुँह और गले का केसर का खतरा रहता है हमेशा इससे थोड़ा ठंडा कर के पिए
चाय बनाने के लिए ताजे बर्तन का इस्तेमाल करे यानि जिस बर्तन में पहले चाय बन चुकी है उसमे दोबारा चाय ना बनाये ऐसा करने से चाय में विषैले तत्व आ जाते है
सड़क के किनारे या रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन पर बिकने वाली चाय को हमेशा दूर रहे क्योकि वो बर्तन को धोये बिना ही उसी बर्तन में चाय बनाते रहते है और चाय पती को भी खूब उबलते है जिसके कारण ऐसी चाय कुछ लोगो को बहुत ही अच्छी लगती है और ऐसी चाय को कड़क चाय कहते है लेकिन विषैली जाने कारण दिल और जान कि दुश्मन होती है
अगर आप एक छोटा कफ चाय पीते है तो उससे संतुलित करने के लिए आप एक ग्लास पानी जरूर पिए ताकि आपको डी हाइड्रेशन न हो
खाने के साथ या एक दम बाद चाय बिलकुल न पिए ये जो हमारा ख्याल है न कि खाने के बाद चाय पिने से खाना आराम से हजम हो जाता है इ बिलकुल गलत है बल्कि ये खाने को हजम करने में बाधा डालती है और कैफीन भोजन से मिलने वाले गुणों को नष्ट कर देता है और हमे कमजोर कर देता है
कितना भी भरी खाना खाया हो उसके ससधे घंटे बाद एक ग्लास गर्मी पानी पी लो खाना हजम हो जायेगा
जब भी चाय कि तलब हो गर्म पानी पी लो चाय कि तलब भी नहीं होगी और शरीर में छोटे छोटे रोग होंगे वो भी धीरे धीरे खत्म होने लगेंगे
दूध और चीनी जितना हो सके कम ही रखे अधिक दूध और चीनी डालने से चाय बहुत भरी हो जाती है जो आपके वजन को भी बढाती है
और हमारा यही कहना है कि हो सके तो चाय को छोड़ दो
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