बवासीर का घरेलू अचूक ओर फायदेमंद उपाय ओर इलाज
बवासीर समस्या 2 प्रकार की होती है 1 जिससे मस्से से खून बाहर निकलता है है और 2 होता है बड़ी मस्य जो की सुखा होता है जिससे लोगों को बहुत ही पीड़ा होती है लेकिन आजकल लोग परेशान है खूनी मस्से से को गुदा से बाहर निकल जाता है और ये बहुत परेशानी दायक होते है जिसका ऑपरेशन ही होता है बवासीर होने का मुख्य कारण है कि आपका पेट अच्छे तरीके से साफ नहीं हो पाता है जिससे आपको कब्ज हो जाती है और ज्यादा मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थो के सेवन से ज्यादा मसाले दार खाना खाने से पेट में कब्ज की शिकायत सबसे ज्यादा होती है जिससे हम बवासीर का स्मना भी करना पड़ता है।
हमारे शरीर से जिस जगह से मल इत्यादि निकलता है उस गुदा मार्ग में सरसो अथवा नारियल का तेल लगाएं इसको दिन में तीन से चार बार लगाए ओर इस उपाय को 20 दिन लगातार करे ये आपको काफी हद तक आराम देगा।
एलोवेरा का रस शुद्ध एलोवेरा का रस लो और इसे अपने गुदा मार्ग में दिन में 3-4 बार लगाए इससे आपको बहुत ही आराम मिलेगा ओर कम पीड़ा होगी एंटीओक्सिडेंट का काम करता है और ये मस्से को ठंडक देगा जिससे आपके बवासीर के मस्से में काम जलन होगी।
सेंधा नमक सेंधा नमक भी बहुत उपयोगी है सेंधा नमक ओर पट्टी ले सेंधा नमक का लेप लगाकर फिर अपने गुदा मार्ग पर इसको लगा ले ऐसा करने से जो मस्से की जलन होती है वो बहुत ही कम हो जाएगी इस सेंधा नमक से मस्से को एक प्रकार का सेक मिलता है जिससे मस्से को आराम मिलेगा जिससे जलन की पीड़ा बहुत कम हो जाएगी और इस पट्टी को 15-20 दिन में 2-3 बार लगानी है।
इसब घोल इसके अंदर बहुत सरा फाइबर मौजूद होता है दो चमच ईसब घोल को दूध या पानी के साथ मिलाकर ले आराम मिलेगा।
बवासीर क्या है - बवासीर गुदा के अंदर या बहार सूजन होती है जो मल त्यागते समय उसमे दर्द होता है उसे हम बवासीर कहते है।
लक्षण- गूदे के बाहर या भीतर मस्से जैसा मांस उभर आता है दिखने या छूने पर ये गांठ जैसा लगता है और दर्द महसूस होता है और मल त्यागते समय इसका आकर बढ़ जाता है या मल त्याग के बाद भी मल त्याग की इच्छा बनी रहती है पेट भरा भरा महसूस होता है।
- गुदा के आसपास या अंदर खुजली चलती हो तो बवासीर के लक्षण है।
- गुदा के आस पास की जगह सूजन या लाल हो गयी हो तो बवासीर के लक्षण है।
- मल त्यागते समय कब्ज के कारन जोर लगाने पर भीतरी बवासीर भी बाहर लटक जाता है।
- मल त्याग करते समय या त्यागने के बाद खून आता तो ये बवासीर के लक्षण है।
कारण -
- दिनचर्या ठीक नहीं होने से यानि की रात्रि तक देर रत जगना सुबह देर से उठना सबसे मुख्य कारण है ।
- उल्टा सीधा खाना खाना यानि फ़ास्ट फ़ूड कोल्ड ड्रिंक्स बर्गर समोसा पकोड़ी आदि खाना मिट शराब का ज्यादा सेवन करना पानी , छाछ , ज्यूस , दही आदि तरल पदार्थो का कम से कम प्रयोग करना।
- खाने में गर्म मसाले का ज्यादा प्रयोग करना।
- लम्बे समय तक एक ही स्थान तक बैठना।
- लम्बे समय तक कब्ज रहना ये सबसे मुख्य कारण है लम्बे समय तक कब्ज रहने से व्यक्ति जब जोर लगा कर मल त्याग करता है तो गुदा के आस पास की माश्पेसिया पर दबाव पड़ता है जिससे उनमे सूजन आ जाती है जिससे हम बाड़ी बवासीर कहते है अगर इसको अनदेखा किया गया तो ये रोग बढ़ता जायेगा मल त्याग करने पर और उसके बाद मासपेशियो पर दबाव आता है और दबाव के कारण कई बार मासपेशिया फट जाती है जिससे खून बहने लगता है जिससे हम खुनी बवासीर कहते है अगर समय पर उपचार नहीं गया तो अनीमिया की वजह से रोगी की मृत्यु हों सकती है।
घरेलु उपचार -
कब को दूर करना - इसके लिए त्रिफला चूर्ण ५ ग्राम गुनगुने पानी से सोते समय लेना है इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी , या आप सोते समय ३-४ ml अरंडी का तेल आप ले सकते है और अरंडी का तेल आप गुदा में लगा भी सकते है क्योकि अरंडी के तेल में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बायोटिक गन भी होते है ।
एक कटोरे में हुक्के का पानी ले और इसको मल त्याग के बाद धोना है और धोने के बाद ज्यात्यादी का तेल लगाए
१०० ml सैसो के तेल को गर्म कर ले और इसमें १० ग्राम तम्बाकू के पत्तो का चूर्ण ले जो हुक्के में काम आते हैइसके छान ले और छानने के बाद इसको मिला ले और दिन में दो तीन बार गुड्डे में लगाए।
एक लीटर गुनगुने जल में १० ग्राम शुभ्रा भस्म दाल ले और इस पानी से धोये इससे खुनी बवासीर बिलकुल ठीक हो जाएगी।
नारियल की जता को जलाकर भस्म कर ले और तीन से चार ग्राम छाछ के साथ ले इसको तीन दिन तक ले ये बहुत ही ज्यादा फायदा देगी और ध्यान रहे छाछ खट्टी नहीं होनी चाहिए।
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