चावल फसल के उत्पादन क्रिया
खदानों में चावल का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है विश्व की जनसंख्या का अधिकांश भाग रोजाना के भोजन में चावल का ही उपयोग करता है चावल हमारी संस्कृति की पहचान है बिना रोटी चावल के पूजा नहीं होती है कथा माथे पर तिलक भी नहीं लगता है हमारे यहां नवविवाहित जोड़ों पर चावल की वर्षा भी करने की परंपरा है विश्व में खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से चावल की फसल का महत्वपूर्ण योगदान है संसार की 60% आबादी के दाल चावल ही है देश की लगभग 65% जनसंख्या चावल का ही उपयोग करती है चावल ही एक ऐसी फसल है जिसे समुद्र तल से नीचे कथा विमल चोटी तक भूमध्य रेखा के दोनों और काफी दूर तक गहरे पानी से लेकर वर्षा आधारित शुष्क क्षेत्रों विभिन्न तापमान हमले से सारी भूमियों और सीधी बुवाई से रोपाई इत्यादि विभिन्न स्थितियों में उगाया जाता है ।
चावल का प्रयोग विभिन्न उद्योगों में भी किया जाता है क्योंकि इसमें स्टार पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है कपड़ा उद्योग में सर्वाधिक उपयोग होता है धान के पैरा का प्रयोग जानवरों को खिलाने के लिए किया जाता है धान की कटाई के बाद उत्पादन की भूसी का प्रयोग किया जाता है तेल का उपयोग साबुन बनाने में होता है इसके अलावा चावल का प्रयोग शराब निर्माण में किया जाता है चावल को उबालकर भात के रूप में भी खाया जाता है इसी भारती के पद खाद्य पदार्थ पोहा मुरमुरा लाई केक बेबी फूड नूडल्स प्राइस आदि इसी प्रकार से यह भी कह सकते हैं कि चावल हमारी अर्थव्यवस्था और खाद्यान्न सुरक्षा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है यह एक सर्वाधिक कैलोरी युक्त खदान है इसमें प्रोटीन की मात्रा लगभग 7 से 7% और अवस्था दो से ढाई प्रतिशत तथा कार्बोहाइड्रेट 77 से 79% होती है इसमें विटामिन गेहूं के बराबर होती है और कैल्शियम की मात्रा बहुत कम होती है।
चावल की उत्पति - चावल के उत्पत्ति के स्थान के बारे में बहुत सारे माता है बी कंडोल के अनुसार चावल की उत्पत्ति चीन से हुई है बेबी लोग के अनुसार खेती योग्य चावल का केंद्र भारत और म्यांमार है।
विवरण - विश्व का सर्वाधिक चावल भारत में उगाया जाता है भारत में चावल की खेती 42 पॉइंट 4 मिलियन हेक्टर क्षेत्र में की जाती है वार्षिक उत्पादन 129 मिलियन टर्न प्रति हेक्टर होता है पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक उत्पादन होता है अन्य राज्य उत्तर प्रदेश पंजाब तथा आंध्रप्रदेश है राजस्थान में चावल की खेती 1.01 लाख हेक्टर में की जाती है।
जलवायु - चावल एक उष्णता उसमें सुंदर 5 की फसल है गरम चितौसन क्षेत्रों में चावल की उपज सबसे अधिक होती है चावल की फसल को पूरे जीवन काल में सबसे अधिक तापमान तथा सबसे अधिक नमी के साथ अधिक जल की आवश्यकता होती है धान और पानी का गहरा संबंध है जहां पर शादी होती है वही चावल का क्षेत्रफल अधिक होता है जिन क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 140 सेंटीमीटर से अधिक होती है वहीं धान का क्षेत्रफल अधिक होता है क्षेत्रों में 40 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है वहां धान की फसल सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है पौधों को बढ़ाने के लिए विभिन्न अवस्थाओं पर 21 से 30 डिग्री से अधिक ताप कर्म की आवश्यकता होती है फसल की 80 वर्दी के लिए 25 डिग्री से 30 डिग्री तक पकने के लिए 21 डिग्री से 25 डिग्री से तापक्रम की आवश्यकता होती है पौधों को बढ़ाने के समय अधिक आद्रता फसल पकने के समय कम आद्रता होना बहुत लाभदायक रहता है।
Comments
Post a Comment